शूरवीरों का सम्मान: कैप्टन अभिनंदन वीर चक्र से सम्मानित, ढौंडियाल को शौर्य चक्र
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार 22 नवंबर को भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान को वीर चक्र से सम्मानित किया।
अभिनंदन के अलावा सैपर प्रकाश जाधव को मरणोपरान्त कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।
उन्हें जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को मार गिराने में ऑपरेशन में भूमिका निभाने के लिए पुरस्कार दिया गया।
वहीं मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को भी मरणोपरान्त शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार पांच आतंकियों को मार गिराने और 200 किलोग्राम विस्फोटक बरामद करने के ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने के लिए दिया गया। अलंकरण समारोह में उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट नितिका कौल और मां ने राष्ट्रपति से पुरस्कार ग्रहण किया।
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इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में एक आपरेशन के दौरान ए++ श्रेणी के आतंकवादी को मारने के लिए राष्ट्रपति ने नायब सूबेदार सोमबीर को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया। उनकी मां और पत्नी ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। बताना चाहेंगे कि इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हिस्सा लिया।
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जानकारी के लिए बता दें कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के एक दिन बाद पाकिस्तानी वायुसेना के एलओसी में घुसपैठ को नाकाम करने वाले विंग कमांडर (तब) अभिनंदन वर्धमान को इसी महीने पदोन्नत किया गया था। अभिनंदन को वीर चक्र दिए जाने का ऐलान पहले ही किया जा चुका था। इससे पूर्व उन्हें पाकिस्तानी हवाई घुसपैठ को रोकने के लिए शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया जा चुका है।
मेजर विभूति ढौंडियाल को मरणोपरांत ‘शौर्य चक्र’
पांच आतंकवादियों को मौत के घाट उतारने वाले शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने 200 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी। अलंकरण समारोह में उनकी पत्नी उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट नितिका कौल और मां ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से पुरस्कार ग्रहण किया।
सैपर प्रकाश जाधव को मरणोपरांत ‘कीर्ति चक्र’
आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को मारने के लिए सपर प्रकाश जाधव को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी पत्नी और माता को पुरस्कार सौंपा।
तीसरा सबसे बड़ा सैन्य पुरस्कार
वीर चक्र एक भारतीय युद्धकालीन सैन्य वीरता पुरस्कार है। यह युद्ध के मैदान में अदम्य साहस दिखाने पर दिया जाता है। यह तीसरा बड़ा भारतीय सैन्य पुरस्कार है। परम वीर चक्र और महा वीर चक्र के बाद यह तीसरे क्रम में आता है। पहला वीर चक्र वर्ष 1947 में मेजर सोमनाथ शर्मा को दिया गया था। अभिनंदन के अलावा देश में अब तक 361 वीर चक्र प्रदान किए चुके हैं।
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