भारत ने पेट्रोल में 10 फीसदी इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य तय सीमा से पहले प्राप्त किया: पीएम मोदी


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कहा कि भारत ने आज पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। आपको यह जानकर भी गर्व होगा कि भारत ने इस लक्ष्य को तय समय से 5 महीने पहले ही हासिल कर लिया है।


 


दरअसल पीएम मोदी विज्ञान भवन में ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं। भारत ये प्रयास तब कर रहा है, जब जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका न के बराबर है। विश्व के बड़े आधुनिक देश न केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं बल्कि सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन उन्हीं के खाते में जाता है। 


पीएम मोदी ने कहा कि पर्यावरण दिवस के दिन भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की है। आज भारत ने पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।ये उपलब्धि कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि साल 2014 में भारत में सिर्फ डेढ़ प्रतिशत इथेनॉल की पेट्रोल में ब्लेंडिंग होती थी। इस लक्ष्य पर पहुंचने की वजह से भारत को तीन सीधे फायदे हुए हैं। एक तो इससे करीब 27 लाख टन कार्बन एमिशन कम हुआ है। दूसरा, भारत को 41 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। और तीसरा महत्वपूर्ण फायदा ये कि देश के किसानों को इथेनॉल ब्लेंडिंग बढ़ने की वजह सेऊ हुई है। पीेएम ने कहा कि देश के लोगों को, देश के किसानों को, देश की Oil कंपनियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं।


 


मिट्टी को बचाने के लिए पांच मंत्री


उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में सभी सरकारी योजनाएं किसी न किसी रूप में पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी हुई हैं। पीएम ने बताया कि सरकार मिट्टी को बचाने के लिए पांच प्रमुख बातों पर फोकस कर रही है। पहला, मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाया जाए। दूसरा, मिट्टी में मौजूद जीवों को कैसे बचाएं। तीसरा, मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखा जाए। चौथा, भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर किया जाए। पांचवां, वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।


 


मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने का बहुत बड़ा अभियान 


किसानों को सरकार द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है। इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया। पूरे देश में 22 करोड़ से ज्यादा सॉयल हेल्थ कार्ड किसानों को दिए गए। और सिर्फ कार्ड ही नहीं दिए, बल्कि देशभर में सॉयल टेस्टिंग से जुड़ा एक बहुत बड़ा नेटवर्क भी तैयार हुआ है। उन्होंने कहा कि हम कैच द रेन जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रहे हैं। इस साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है। इसमें पानी में प्रदूषण कम करने के साथ-साथ नदियों के किनारे वन लगाने का भी काम किया जा रहा है। 


 


वन्य-जीवों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि


पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज जैव विविधता और वन्य जीव से जुड़ी जिन नीतियों पर चल रहा है, उसने वन्य-जीवों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि की है। आज चाहे बाघ हो, शेर हो, तेंदुआ हो या फिर हाथी सभी की संख्या देश में बढ़ रही है।


 


नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहन


उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में सरकार ने तय किया है कि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे। इससे हमारे खेत तो केमिकल फ्री होंगे ही, नमामि गंगे अभियान को भी नया बल मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने अपनी स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत गैर-जीवाश्म-ईंधन आधारित स्रोत से हासिल करने का लक्ष्य तय किया था। ये लक्ष्य भारत ने तय समय से 9 साल पहले ही हासिल कर लिया है। भारत, वर्ष 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर बंजर जमीन को रिस्टोर करने के लक्ष्य पर भी काम कर रहा है।


गोबरधन योजना के तहत बायोगैस प्लांट्स


पीएम मोदी ने कहा कि देश में ये भी पहली बार हुआ है, जब हमारे गांवों और शहरों को स्वच्छ बनाने, ईंधन में आत्मनिर्भरता, किसानों को अतिरिक्त आय और मिट्टी के स्वास्थ्य के अभियानों को हमने एक साथ जोड़ा है। गोबरधन योजना ऐसा ही एक प्रयास है। इस गोबरधन योजना के तहत बायोगैस प्लांट्स से गोबर और खेती से निकलने वाले अन्य कचरे को ऊर्जा में बदला जा रहा है। कभी आप लोग काशी-विश्‍वनाथ के दर्शन के लिए जाएं तो वहां एक गोबरधन का भी प्‍लांट कुछ किलोमीटर दूरी पर लगा है, जरूर देखकर आइएगा। इससे जो जैविक खाद बनती है, वो खेतों में काम आ रही है। मिट्टी पर अतिरिक्त दबाव बनाए बिना हम पर्याप्त उत्पादन कर सकें, इसके लिए बीते 7-8 सालों में 1600 से ज्यादा नई वैरायटी के बीज भी किसानों को उपलब्ध कराए गए हैं।


 


हर जिले में 75 अमृत सरोवर का निर्माण कार्य


पीएम मोदी ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए, धरती की रक्षा के लिए, मिट्टी की रक्षा के लिए जनचेतना जितनी ज्यादा बढ़ेगी, उतना ही बेहतर परिणाम मिलेगा। मेरा देश और देश की सभी सरकारों से, सभी स्थानीय निकायों से, सभी स्वयंसेवी संस्थाओं से आग्रह है कि अपने प्रयासों में स्कूल-कॉलेजों को जोड़िए, NSS-NCC को जोड़िए।


आजादी के अमृत महोत्सव में जल संरक्षण से जुड़ा एक आग्रह और भी करना चाहता हूं। अगले साल 15 अगस्त तक देश के हर जिले में कम से कम एक जिले में, हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर के निर्माण का काम आज देश में चल रहा है। 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी संरक्षण सुनिश्चित करने में मदद करेंगे। ये अमृत सरोवर, अपने आस-पास मिट्टी में नमी को बढ़ाएंगे, वाटर लेवल को नीचे जाने से रोकेंगे और इनसे बायोडायवर्सिटी भी सुधरेगी।